राजस्व प्रकरणों का जिम्मा अपर कलेक्टर दीपक आर्य को

उज्जैन | नए अपर कलेक्टर दीपक आर्य की ज्वाइनिंग के साथ ही जिला मुख्यालय पर चार अपर कलेक्टर हो गए हैं। कलेक्टर मनीषसिंह ने चारों के बीच नए सिरे से कार्यविभाजन कर जिम्मेदारियां सौंपी हैं। आर्य को सभी तहसीलों के राजस्व प्रकरणों के निराकरण की महती जिम्मेदारी सौंपी है। अपर कलेक्टर जीएस डाबर एडीएम के रूप में काम करते रहेंगे।
कलेक्टर ने रविवार को आदेश जारी कर आर्य को उज्जैन, तराना, बड़नगर, घट्टिया, महिदपुर व नागदा-खाचरौद के राजस्व प्रकरणों का जिम्मा सौंपा है। आर्य हाल ही विदिशा से स्थानांतरित होकर आए हैं। भू राजस्व संहिता के तहत अपील प्रकरण, पंचायत राज अधिनियम के तहत प्रकरण व स्वप्रेरणा निगरानी प्रकरणों का निराकरण करेंगे। मप्र भू राजस्व संहिता 1959 के तहत कलेक्टर न्यायालय में पेश होने वाली अपील, निगरानी व आवेदन पत्रों में से प्रत्येक दसवें आवेदन को छोड़ बाकी के 9 आवेदनों पर निराकरण करेंगे। भू आबंटन को छोड़कर भू राजस्व पुस्तक परिपत्र के अधीन सभी प्रकरण, नाबालिक सरपरस्ती से संबंधित बैंक लोन में अनापत्ति प्रमाणपत्र पर जारी करने संबंधी प्रकरण, राजस्व प्रकरणों में नामांकन, सीमांकन, बटांकन व डायवर्शन आदि प्रकरणों पर सख्ती से पर्यवेक्षण, प्रभारी अधिकारी नजूल की हैसियत से प्रकरणों व नस्तियों का निराकरण। अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे, बीबीएस तोमर यथावत काम करते रहेंगे।
आर्य को ये भी जिम्मेदारियां
- कृषकों के लिए बटाईदारों से संबंधित अधिनियम का पालन, उद्यानिकी, खनिज विभाग का पर्यवेक्षण व खाद्य शाखा के कार्य।
- वेब जीआईएस से संबंधित सभी कार्य,उद्योग विभाग से संबंधित सभी कार्य व बैंकों से समन्वय। आदिम जाति कल्याण, संस्कृति शाखा, न्यायालयीन प्रकरण।
- जिले के विकास से संबंधित शासकीय भूमि आबंटन प्रकरणों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण।
- एनआईसी, ईगवर्नेंस, जिला स्तरीय बैंकर्स समिति, पीएचई व परिवार कल्याण से संबंधित योजनाओं में कलेक्टर द्वारा की जाने वाली समीक्षा का फालोअप।
- महिला व बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की मॉनीटरिंग व प्रशासकीय नियंत्रण।